Zinda lyrics
by Neeti Mohan
ख़ाक से बना हूँ मैं
ख़ाक ही बन जाऊँगा
सीने में लेके आग मैं
वक़्त से लड़ जाऊँगा
ख़ाक से बना हूँ मैं...
दिल के भँवर में है डूबा
मेरा सफ़ीना, हाँ सफ़ीना
हो दुआयें मेरी रब से की
थामे मुझको यूँ ही रहना
यूँ ही रहना, रहना
ज़िंदा हूँ मैं तुझमें
तुझमें रहूँगा ज़िंदा
तोड़ के सब ज़ंजीरें
मैं आज़ाद परिंदा
ज़िंदा हूँ मैं तुझमें...
ख़ाक से बना हूँ मैं...