Awaarapan Banjarapan, Pt. 1 lyrics

by

KK (IND)


आवारापन, बंजारापन, एक ख़ला है सीने में
हर दम, हर पल बेचैनी है, कौन बला है सीने में?

इस धरती पर जिस पल सूरज रोज़ सवेरे उगता है
इस धरती पर जिस पल सूरज रोज़ सवेरे उगता है
अपने लिए तो ठीक उसी पल रोज़ ढला है सीने में
आवारापन, बंजारापन, एक ख़ला है सीने में

जाने ये कैसी आग लगी है, इसमें धुआँ, ना चिंगारी
जाने ये कैसी आग लगी है, इसमें धुआँ, ना चिंगारी
हो-ना-हो, इस बार कहीं कोई ख़ाब जला है सीने में
आवारापन, बंजारापन, एक ख़ला है सीने में

जिस रस्ते पर तपता सूरज सारी रात नहीं ढलता
जिस रस्ते पर तपता सूरज सारी रात नहीं ढलता
इश्क़ की ऐसी राहगुज़र को हमने चुना है सीने में
आवारापन, बंजारापन, एक ख़ला है सीने में

कहाँ किसी के लिए है मुमकिन सबके लिए एक सा होना
कहाँ किसी के लिए है मुमकिन सबके लिए एक सा होना
थोड़ा सा दिल मेरा बुरा है, थोड़ा भला है सीने में
आवारापन, बंजारापन, एक ख़ला है सीने में
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