Saanson Ke lyrics

by

KK (IND)


साँसों के किसी एक मोड़ पर
मिली थी तू ज़िंदगी, मेरी दोस्त बनके
चल दिया तेरी बात मानकर
तेरा हाथ थामकर, तुझे साथी चुनके

मैं किस मंज़िल का राही हूँ?
तू किन राहों पे लाई है?
समझ पाऊँ ना मैं तुझको, ना तू मुझको

जो ना-मंज़ूर है मुझको
वही मंज़ूर है तुझ को
समझ पाऊँ ना मैं तुझको, ना तू मुझको

जो ले लिया था तूने फ़ैसला
ज़मीं पे, आसमाँ में रख दिया
मैं छाँव में लपेटे धूप को
कहा जो तूने, कहना कर दिया

चला मैं अपनी मंज़िल को
जा, तू भी लौट जा घर को
समझ पाऊँ ना मैं तुझको, ना तू मुझको

जो ना-मंज़ूर है मुझको
वही मंज़ूर है तुझ को
समझ पाऊँ ना मैं तुझको, ना तू मुझको
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