Hashar Se Pehle lyrics
by Jubin Nautiyal
रूह का मेरी, लिबास है तू
तड़प के दिल तुझे याद करे
रूह का मेरी, लिबास है तू
तड़प के दिल तुझे याद करे
रस्मों की तरह, निभाऊँ तुझे
क़समों की तरह खा जाऊँ तुझे
रस्मों की तरह निभाऊं तुझे
क़समों की तरह खा जाऊँ तुझे
मेरे हश्र से पहले
हो मेरे ज़िक्र से पहले
हो मेरे हश्र से पहले
हो मेरे ज़िक्र से पहले
साँसों की जगह
तेरी यादें ही चलती हैं सीने में
अब बाख़ुदा
ऐसी भी बेबसी
ना किसी को मिले के
हो जीना भी जिसमें सज़ा
रस्मों की तरह...
मेरी थी क्या ख़ता
क्यूँ कर डाली बर्बाद तूने
मेरी ज़िंदगी
क्यूँ साया ना मिला
क्यूँ हमेशा ही तपती रही मेरे
दिल की ज़मीं
रस्मों की तरह...