Teri Mitti lyrics
by Arko Pravo Mukherjee
[Intro: B Praak]
तलवारों पे सर वार दिये
अंगारों में जिस्म जलाया है
तब जा के कहीं हमने सर पे
ये केसरी रंग सजाया है
[Verse 1: B Praak]
ऐ मेरी ज़मीं, अफ़सोस नहीं
जो तेरे लिए १०० दर्द सहे
महफ़ूज़ रहे तेरी आन सदा
चाहे जान मेरी ये रहे ना रहे
मेरी ज़मीं, महबूब मेरी
मेरी नस-नस में तेरा इश्क़ बहे
"फीका ना पड़े कभी रंग तेरा"
जिस्मों से निकल के खून कहे
[Chorus: B Praak]
तेरी मिट्टी में मिल जावाँ
ਗੁਲ ਬਣਕੇ ਮੈਂ ਖਿਲ ਜਾਵਾਂ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
तेरी नदियों में बह जावाँ
तेरे खेतों में लहरावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
[Verse 2: B Praak]
सरसों से भरे खलिहान मेरे
जहाँ झूम के भँगड़ा पा ना सका
आबाद रहे वो गाँव मेरा
जहाँ लौट के वापस जा ना सका
ਹੋ, ਵਤਨਾ ਵੇ, ਮੇਰੇ ਵਤਨਾ ਵੇ
तेरा-मेरा प्यार निराला था
क़ुर्बान हुआ तेरी अस्मत पे
मैं कितना नसीबों वाला था
[Chorus: B Praak]
तेरी मिट्टी में मिल जावाँ
ਗੁਲ ਬਣਕੇ ਮੈਂ ਖਿਲ ਜਾਵਾਂ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
तेरी नदियों में बह जावाँ
तेरे खेतों में लहरावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
[Refrain]
केसरी
[Verse 3: B Praak]
ओ, हीर मेरी, तू हँसती रहे
तेरी आँख घड़ी भर नम ना हो
मैं मरता था जिस मुखड़े पे
कभी उसका उजाला कम ना हो
हो, माई मेरी, क्या फ़िक्र तुझे?
क्यूँ आँख से दरिया बहता है?
तू कहती थी तेरा चाँद हूँ मैं
और चाँद हमेशा रहता है
[Chorus: B Praak]
तेरी मिट्टी में मिल जावाँ
ਗੁਲ ਬਣਕੇ ਮੈਂ ਖਿਲ ਜਾਵਾਂ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
तेरी नदियों में बह जावाँ
तेरी खेतों में लहरावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
[Outro]
केसरी