Womaniya by Palak Muchhal lyrics

by

Palak Muchhal


जय हनुमान ज्ञान गुण सागर
जय कपीस तिहु लोक उजागर
देखेगी ये दुनिया ये
वूमनिया

हा जब भी ये निकल जाये
सुरज भी पिघल जाये
आसमान को नीचे दे झुका
अपने पे आये अगर
पत्थर तीथर बिथर
किसी का भी तोडे ये गुमान

धुंकी धुवांदार हो
जिद अगर सवार हो
तेरे जैसी ताकत देखो
यहा किसी और मै कहा

लिख दे नयी कहाणी
अब तू तेरी जुबानी
भूल के बाते पुराणी
की कैसे किसी ने कब था क्या कहा

रोके गाव जवानी
पर तेरी जिद करारी
तुटी चार दिवारी
तो चल पडी है इक नयी हवा
सदाबहार है तू
सबसे चमकदार है
तेरी रोशनी मै लग रहा है
अब जवान जवान जहा

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर
जय कपीस तिहु लोक उजागर
देखेगी ये दुनिया ये
वूमनिया
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