Phir Mulaaqat (Female Version) lyrics

by

Kunaal Vermaa


तो क्या हुआ जुदा हुए
मगर है ख़ुशी मिले तो थे
तो क्या हुआ मुड़े रास्ते
कुछ दूर संग चले तो थे
दोबारा मिलेंगे किसी मोड़ पे
जो बाकी है वो बात होगी कभी
चलो आज चलते हैं हम
फिर मुलाकात होगी कभी
फिर मुलाकात होगी कभी
जुदा हो रहे हैं कदम
फिर मुलाकात होगी कभी

दुखाऊँ मैं दिल जाते जाते तेरा
मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं
छुपा लूँगा मैं हँसके आँसू मेरे
ये तेरी ख़ुशी से तो ज़्यादा नहीं
जो बिछड़े नहीं तो फिर क्या मज़ा
ज़रूरी है रहनी भी थोड़ी कमी
नहीं होगा कुछ भी ख़तम
फिर मुलाकात होगी कभी...

सितारों की इस भीड़ को गौर से
एक आख़री बार फिर देख लो
ये जो दो अलग से हैं बैठे हुए
ये तुम हो ये मैं हूँ यही मान लो
ये दिन में नहीं नज़र आएंगे
मगर कल को जब रात होगी कभी
जो ये रोशनी होगी कम
फिर मुलाकात होगी कभी…
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