Jadugar lyrics
by Mohit Chauhan
दूर कहीं
कोई हसीं
पूछ रही
उसे जाना था कौन डगर
भूल हुई
आँख मिली
जाने कहाँ
से आया था वो
जादूगर
दूर कहीं
कोई हसीं
खोई खोई है दीवानी
रात है या दिन न जानी
ख्वाबों के वो बुल बुले लिए
आ गयी वो वीराने में
जाने कैसे अनजाने में
जादू सा हो गया उसे
जाने कैसे
दूर कही
कोई हसीं
ढूंढे उसको बादलों में
सीपियों में सागरों में
वो हवा में उसकी धुन सुने
अब तो उसका हाल ये है
इंतजार आँखों में जो
खुद ही हंस के
खुद छलक पड़े
वो क्या जाने
दूर कहीं
कोई हसीं
पूछ रही
उसे जाना था कौन डगर
भूल हुई
आँख मिली
जाने कहाँ
से आया था वो
जादूगर
दूर कहीं
कोई हसीं
वो न माने