Humsafar lyrics
by Mohit Chauhan
हम जो चले, तुम भी चलो
फिर क्या खबर की दिन है कि रात
हम जो चले, तुम भी चलो
फिर क्या खबर की दिन है कि रात
बस मैं नहीं रहेंगे जज़्बात
तुम जो सनम हमारे चलो साथ
हम जो चले
सुर से सजी गीतों सी तेरी याद
तुझ बिन सनम भाए ना कोई बात
कैसे कहो अकेले चलूं आज
तुम आओ सनम सुने हैं दिल के साज़
कैसी भी राहें हो, कैसी डगर हो
कोई भी रास्ता हो, कोई सफर हो
चलते रहें हम जो दूर हमसफ़र हो
हम जो चले
दिन ये कहे बेठो हमारे पास
आओ इधर इशारा करे रात
हम को मगर चाहिए वही शाम
जिस पे सनम लिखा हो तेरा नाम
चांदनी रातें या घिरती सेहर हो
चाहे दिन का वो कोई पेहर हो
चलते रहें हम जो दूर हमसफ़र हो
हम जो चले, तुम भी चलो
फिर क्या खबर की दिन है कि रात
बस मैं नहीं रहेंगे जज़्बात
तुम जो सनम हमारे चलो साथ
गलियों में फिरता है बंजारा दिल ये
तुझको ही ढूंढेगा आवारा दिल ये
करता है जाने इशारे क्या दिल ये
गलियों में फिरता है बंजारा दिल ये
तुझको ही ढूंढेगा आवारा दिल ये
करता है जाने इशारे क्या दिल ये
गलियों में फिरता है बंजारा दिल ये
तुझको ही ढूंढेगा आवारा दिल ये
करता है जाने इशारे क्या दिल ये
गलियों में फिरता है बंजारा दिल ये
तुझको ही ढूंढेगा आवारा दिल ये
करता है जाने इशारे क्या दिल ये
हम जो चले, तुम भी चलो साथ