Doori Poem lyrics

by

Dub Sharma


केहने को हम पास है पर
कितनी दूरी है
ये भी कैसी मज़बूरी है

तुमसे हमदर्दी भी
नहीं कर सकता मैं
मेरे बस की बात नहीं है

मैं ये बेहते आंसू पोछुं
उतनी मेरी औकात नहीं है

मै भी यहीं हूं
तुम भी यहीं हो

पर सच ये है
मैं हूं कहीं
तुम और कहीं

केहने को हम पास है पर
कितनी दूरी है
ये भी कैसी मज़बूरी है

A B C D E F G H I J K L M N O P Q R S T U V W X Y Z #
Copyright © 2012 - 2021 BeeLyrics.Net