Zindagi lyrics

by

Carry Minati


[Lyrics For Carry Minati - Zindagi In Hindi]

[Verse 1]
बचपनसे सोचा केसा होगा बड़ा होना
हर बात पे चुप हुआ रंडीरोना
पहली बार जब जिंदगी में हुवा धोका
ऐसा लगा दोबारा नामिलेगा ये मौका
खुद को रोका, खुद को टोका
बोलती मैं सच जानने के लीए छोटा
खोदको कोसा, खुद को बोला
ये प्यार बस एक बार काही होता
पहेचान बडती मेरो खौफनाक रूपसे
शक्तिशाली बनता बंदा बार बार टूटके
सूट में बैठे मेरो जैसे कलाकार लूटने
लूपपे चलता मेरा गाना रेडीयो बूथ पे
भूलते जो सपने देखे स्कूल मैं
आएँगे मेरे फेन मुझसे मिलने शूट पे रूठते
फिर दिक्कतोंको भूल कर झूलते

[Chorus]
गलत मोड़पे खडी हैं मेरी जिंदगी
दिमाग और दिल के बीच आटकी मेरी जिंदगी
गिरके उठनेका नाम ही हैं जिंदगी
रोडसे करोड़ तक ही हैं ये जिंदगी

[Verse 2]
पहले एक दिन लगता पूरा सालथा
पताना चलता अब साल भी कहाँ गया
पहले साथ दोस्तोंका झुण्ड खेलता था
सोचता हूँ उनकी मंजिलों में क्या लिखा था
चोटे खाके सीखा लड़नेका तरीका
सब कुछ पाकर कुछभी ना जीता
हाँ मैं जीता, दुनियाका रंग पड़ा फीका
हाँ मैं चिखा सोच सोच के जो मुझपे बीता
घुटनों पे रोती वो मेरी आख़िरी याद है
मुझसे पहले भी वो और किसीके साथ है
क्या करू जब मेरे सीने में लगती आग हैं
प्यार करने का मिलता कैसा ये इनाम हैं
धीरे धीरे घुटता दम हर रात हैं
गुज़ारा जितना वक़्त लगता अब पाप हैं
पूरा करता कोई और उसके ख्वाव है
फिर भी रहना चाहती वो मेरे साथ हैं

[Chorus]
गलत मोड़पे खडी हैं मेरी जिंदगी
दिमाग और दिल के बीच आटकी मेरी जिंदगी
गिरके उठनेका नाम ही हैं जिंदगी
रोडसे करोड़ तक ही हैं ये जिंदगी

[Outro]
ज़िन्दगी गिरके उठ
रोड से करोड़ तक की है ये ज़िन्दगी

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