Allah Hi Reham lyrics
by Rashid Khan
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
कैसे इश्क़ से सज गईं राहें
जब से देखी हैं तेरी निगाहें
या-ख़ुदा, मैं तो तेरा हो गया
कैसे इश्क़ से सज गईं राहें
जब से देखी हैं तेरी निगाहें
या-ख़ुदा, मैं तो तेरा हो गया
तू जो करम फ़रमाए, अगम इंसाँ हो जाएँ
मस्ताना होके, दीवाना होके तुझे पल में पा जाएँ
साँस-ए-फ़िज़ा में तू है, रूह-ए-बयाँ में तू है
हर इब्तिदा में, हर इंतेहा में, हर एक नज़र-ए-ज़बाँ तू है
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
हो, हर ज़र्रे में तू है छुपा
फ़िर ढूँढे क्यूँ तेरा पता
तू है धूप में, तू है साए में
अपने में है, तू पराए में
अल्लाह, अल्लाह
मेरी रोम-रोम की एक अदा
तू है इश्क़ मेरा, ऐ मेरे ख़ुदा
हर साँस में है बस तेरी दुआ
तू इश्क़ मेरा, ऐ मेरे ख़ुदा
तुझे पाने से बढ़कर कुछ भी नहीं
तुझे देखते ही दिल बोले यही
अल्लाह, अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह, अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
कैसे इश्क़ से सज गईं राहें
जब से देखी हैं तेरी निगाहें
या-खुदा, मैं तो तेरा हो गया
तू जो करम फ़रमाए, अगम इंसाँ हो जाएँ
मस्ताना होके, दीवाना होके तुझे पल में पा जाएँ
साँस-ए-फ़िज़ा में तू है, रूह-ए-बयाँ में तू है
हर इब्तिदा में, हर इंतेहा में, हर एक नज़र-ए-ज़बाँ तू है
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम