Saugandh Mujhe Iss Mitti Ki lyrics

by

Sukhwinder Singh



[Verse 1]
सौगंध मुझे इस मिट्टी की
मैं देश नहीं मिटने दूँगा
ये देश नहीं मिटने दूँगा
ये देश नहीं झुकने दूँगा
सौगंध मुझे इस मिट्टी की
मैं देश नहीं मिटने दूँगा
मैं देश नहीं मिटने दूँगा

[Verse 2]
मेरी धरती मुझसे पूछ रही
कब मेरा कर्ज़ चुकाओगे
मेरा अम्बर मुझे पूछ रहा
कब अपना धर्म निभाओगे
मैंने वचन दिया भारत माँ को
वचन दिया भारत माँ को
तेरा शीश नहीं झुकने दूँगा
सौगंध मुझे इस मिट्टी की

[Verse 3]
वो जितने अँधेरे लायेंगे
मैं उतने उजाले लाऊँगा
वो जितनी रात बढ़ाएंगे
मैं उतने सूरज उगाऊँगा
इस छल फरेब की आँधी में
छल फरेब की आँधी में
ये दीप नहीं बुझने दूँगा
सौगंध मुझे इस मिट्टी की
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