Dil Uda Patanga lyrics

by

Sachet Tandon



देखे बारिशों में आज क्या है
बागी धड़कनें हैं राज़ क्या है
मीठा क्यूँ चंदा
दिल उड़ा पतंगा
दिल उड़ा पतंगा
दिल उड़ा पतंगा

कैसी ख़्वाहिशें हैं क्या ख़ला है
नींदे रात से क्यूँ लापता है
तारे आसमां से क्यूँ खफ़ा है
लम्हा वक्त का बेस्वाद सा है
सब क्यूँ बेरंगा
ना किसी का संगा
ना किसी का संगा
मैं क्यूँ बेरंगा
दिल उड़ा पतंगा...

ऐसी खामोशी का राज़ क्या है
चुभती सर्द सी है क्यूँ हवा ये
ढूंढे बेवजह मन क्यूँ वजह ये
बांधे हसरतों के क्यूँ ये धागे
धागा सतरंगा
ना किसी का संगा...

इस शहर दी सहर सोहणी लगदी हाए
ख्यालां'च रात सारी लंगदी ओ
हुण मुखड़े ते रौनक जेहि रेह्न्दी हाए
पुछण सखियाँ कुछ मैं कुछ कहन्दी
यारी लाई वे मैं ता पहली वारी
ओहनू सोचां घंटे विच दस-दस वारी
पुच्छे जे कोई हाल मेरा
मैं कहन्दी सोहणा यार मेरा
कित्थे वे सोहणा यार मेरा
यादां विच रंगा
दिल उड़ा पतंगा...
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