Zindagi Bhar Nahin lyrics
by Lata Mangeshkar & Mohammed Rafi
ज़िंदगी-भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात
एक अनजान मुसाफ़िर से मुलाक़ात की रात
ज़िंदगी-भर नहीं भूलेगी...
हाय, जिस रात मेरे दिल ने धड़कना सीखा
शोख़ जज़्बात ने सीने में भड़कना सीखा
मेरी तक़दीर से निकली वही...
मेरी तक़दीर से निकली वही सदमात की रात
ज़िंदगी-भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात
ज़िंदगी-भर नहीं भूलेगी...
दिल ने जब प्यार के रंगीन फ़साने छेड़े
आँखों-आँखों में वफ़ाओं के तराने छेड़े
सोग में डूब गई आज वो...
सोग में डूब गई आज वो नग़्मात की रात
ज़िंदगी-भर नहीं भूलेगी...
रूठने वाली...
रूठने वाली, मेरी बात से मायूस ना हो
बहके-बहके से ख़यालात से मायूस ना हो
ख़त्म होगी ना कभी तेरे-मेरे...
ख़त्म होगी ना कभी तेरे-मेरे साथ की रात
ज़िंदगी-भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात
एक अनजान मुसाफ़िर से मुलाक़ात की रात
ज़िंदगी-भर नहीं भूलेगी...