Aadha Bhi Zyaada lyrics

by

Hansraj Raghuwanshi


सर पे आधा पौना छप्पर है तो क्या
घर पे खुले आम आती है हवा
सीली सीली गीली शक्कर है तो क्या
लूटना मीठी चाय का मज़ा
देव भूमि की ये माया
भूल जाते सब क्या खोया
क्या पाया
आधा भी ज़्यादा है यहाँ
जीना बड़ा सदा है यहाँ
खुश रहना आसां है यहाँ
आधा भी ज़्यादा है यहाँ

झूठी, बाकी की दुनिया सारी झूठी
सच्ची यहाँ की जड़ी बूटी
भोले की बोलो जय
खाली जेब पर कोई ना उदास
देवों का यहाँ है वास
रे कोई न फिक्रें आसपास
यहाँ साथ में बहती बियास
ओ सुन ले बंदे

पहाड़ी सच्चे बंधु
आके पहाड़ों में रम तू
गूंजे हवाओं में डमरू
भोले की बोलो हो जय
(जय भोले)
आधा भी ज़्यादा है यहाँ...
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