Har Baar lyrics

by

Osho Jain


इश्क़ ये हर बार नया कैसा लगता है!
हँसाता है फिर हम पे हँसता है
इश्क़ ये हर बार नया कैसे लगता है!
हँसाता है फिर हम पे हँसता है

इश्क़ ये नए-नए वादे करवाता है
हर बार फिर हमको ठगता है
दिल भोला है कुछ नहीं समझता है
हर बार इसमें ही जा के फँसता है
इश्क़ ये हर बार नया कैसे लगता है!
हँसाता है फिर हम पे हँसता है

ये आखरी बार है मैंने मान लिया
अब फिर से ना होगा मैंने मान लिया
ये आखरी बार है मैंने मान लिया
अब फिर से ना होगा मैंने मान लिया
पर वही हुआ जो होना है, जो होता है
वापस गलती करके मैंने ये जान लिया

इश्क़ में साथ यहाँ कोई ना निभाता है
तुम रूको तो दूजा छोड़ जाता है
फिर भी इश्क़ ये हर बार नया कैसे लगता है!
हँसाता है फिर हम पे हँसता है

इश्क़ ये नए-नए वादे करवाता है
हर बार फिर हमको ठगता है
दिल भोला है कुछ नहीं समझता है
हर बार इसमें ही जा के फँसता है
इश्क़ ये हर बार नया कैसे लगता है!
हँसाता है फिर हम पे हँसता है
हर बार नया कैसे लगता है!
हँसाता है फिर हम पे हँसता है
हर बार नया कैसे लगता है! इश्क़ ये, इश्क़ ये
हँसाता है फिर हम पे हँसता है, हर बार

हर बार नया कैसे लगता है! नया लगता है
हँसाता है फिर हम पे हँसता है, हँसाता है
हर बार नया कैसे लगता है! हर बार
हँसाता है फिर हम पे हँसता है, इश्क़ ये, इश्क़ ये
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