Beqabu lyrics
by Bharg
हॅं तेरे ना, तेरे ना होंगे हम
बस इस बात का ग़म मुझे है (मुझे है)
कि हम काम पड़ ही गए हैं (गए है)
केहदो ना, जो भी है केहदो ना
हम अब सन्न आ खड़े हैं (खड़े हैं)
के हम अब सन्न आ खड़े हैं (hmm)
है तेरी बातों का असर, न जाने सर पर चढ़ गया है
हॅं जो भी बातें कल की (कब की?)
हैं आज दिल की लग रही क्यू हैं?
हाँ क्यूँ मैं जो भी चाहता हूँ (चाहता हूँ)
हाँ तुझसे ही तो शुरू है
कि हम हो गए हैं बेक़ाबू
अभी तो छोड़ो मुझे
तेरे ही रंग में रंगे हैं
कि हम हो गए हैं बेक़ाबू
अभी तो छोड़ो मुझे
तेरे ही रंग में रंगे हैं
कि हम हो गए हैं बेक़ाबू
तन्हा क्यूँ रहूँ मैं? नक़ाब क्यूँ पह्नु मैं?
भले नराज़ फिर भी हैं (फिर भी हैं)
लाखें मेरे सपने, नए वास्ते नए रस्ते
मेरी ये ज़िन्दगी है
तुम्हारे बिना भी सही, पर तुम होते तो भी नाराज़गी नहीं
Mmm ना ए [?]
अभी भी तुम्हे चाहता हूँ, पर ये चाह तो अधूरी ही सही
की हम हो गए हैं बेक़ाबू
अभी तो छोड़ो मुझे
तेरे ही रंग में रंगे हैं
की हम हो गए हैं बेक़ाबू
अभी तो छोड़ो मुझे
तेरे ही रंग में रंगे हैं
की हम हो गए हैं बेक़ाबू