Taaro ki Suno lyrics

by

Arpit Bala



मेरे मन को क्यूं चैन मिले?
मुझे छू के ये तुम समा गए।

रखता मैं वक़्त अब से बचा कर
कि अब आदत ना बने।
लगता सही, पर क्या ही है गलत
कि अब आदत बन गए।

तारों की सुनो तो
तुम हो परी।
क्यूं? कैसे आ गई?
यूँ तुम मुझको मिली, है कहाँ से तू आई?

तारों से कहता—तेरा पता बताएँ
कि है जहाँ, वहाँ से उठा लूँ तुझको।
तारों से कहता—तेरा पता बताएँ
...
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