Rakh Lo Tum Chupa Ke lyrics

by

Arpit Bala


रख लो तुम छुपा के फ़िर खत लिख के ही कहना
सिमटी-सी लिखाई में ही भरना अपना आगम
मुझे रखती हो छुपा के, बटोर लो कहीं पे, जोड़ दो
लिफ़ाफ़े में सजा के, हमें ऐसी यूँ सज़ा दो
कि हम पढ़ के जानें ग़लती और ग़लती कल से ना हो
हमें ऐसी एक सज़ा दो कि हम जानें सारी दूरी
हमसे जो रूठ गई हो, रहती चुप हो के पूरे दिन
तुम लिख लो जैसे कठघरे में हम खत पढ़ लेंगे शौक से
इसी एक पल के बहाने फ़िर हम ग़लती से पास आएंगे
तेरी कहने की थी ग़लती और उसका क्या ही कहना
रख लो तुम छुपा के फ़िर खत लिख के ही कहना
सिमटी-सी लिखाई में ही भरना अपना आगम
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