Aakhri Saas lyrics
by GAUSH
[GAUSH "Aakhri Saas" के बोल]
[Intro]
We tried our best, I don't think he's going to make it
I'm sorry
[Chorus]
दर्द मेरी रूह में, क्यूँ अक्सर हर जगह ढूँढे हम—
—मोक्ष जब मौत हुए हावी, ना डर, ना खौफ, ना ज़रा भी
हूँ इसके बाद मैं शून्य, है इल्तिजा रहूँ महफूज़ मैं
है कातिल ये कलम, स्याही ये भरी आँसू से खून के
[Verse 1]
चाहूँ जब दूर थे पर साथ सब आख़िरी पल में
मुताबिक इनके बीमारी, ये काट-खाने अभी से
वाकिफ हूँ खुद से, है दास्तान ये अजीब
चाहे पहुँच कहीं तक भी, रहूँ आसमान के नीचे
बात ये तभी की जब आती साँस नहीं ठीक से
थे बाकी लोगों से हम अलग, कमअकल मुझे समझे सब (समझे सब)
रख सब्र, हर तरफ मिला सब गलत
कशमकश खाए कसमे सच, सब के सब मेरे मरते वक़्त
था दस का जब वाकिफ हुआ इस चीज़ से है माँ की दुआ ये कायम
पर शायद मेरे नसीब में नहीं आम सी ज़िंदगी
और कितने बाकी दिन अभी? है मेरी साँस पे गिनती
है सिर्फ खुदा से विनती, सुन ले आवाज़ दिल की
फिर भी खिड़की, बंद थे दरवाज़े
मन बेपरवाह ये, डर बस कर्मा से
रब के हर बार मैंने छू लिए चरण जैसे
सूर्य ग्रहण आके जले ये उभरता देख
[Chorus]
दर्द मेरी रूह में, क्यूँ अक्सर हर जगह ढूँढे हम—
—मोक्ष जब मौत हुए हावी, ना डर, ना खौफ, ना ज़रा भी
हूँ इसके बाद मैं शून्य, है इल्तिजा रहूँ महफूज़ मैं
है कातिल ये कलम, स्याही ये भरी आँसू से खून के
दर्द मेरी रूह में, क्यूँ अक्सर हर जगह ढूँढे हम—
—मोक्ष जब मौत हुए हावी, ना डर, ना खौफ, ना ज़रा भी
हूँ इसके बाद मैं शून्य, है इल्तिजा रहूँ महफूज़ मैं
है कातिल ये कलम, स्याही ये भरी आँसू से खून के
[Verse 2]
कहूँ आख़िरी ये साँस लेकर, शायद इसके बाद मेरी लाश देखे
घूरूँ मौत को आँखों में आँख देकर
मेरे साथ खड़ा कोई नहीं रास्ते में
हो नहीं सफल, इनने खोदी खबर
मेरी खोदी क़बर इनने मेरे साथ रहके
नरक दिया इनने मुझे जीते जी, अब आ गए चिता पे मेरी ये आग देने
मैंने गीता पे कहनी ये हाथ देकर, ना मेरे ख्वाब में साथ देते
कहाँ पे थे आप जब काँपते थे हाथ मेरे?
रात में जाग के मैं, आँख ये लाल, जज़्बात से, उतारे ये राज़ किताब पे मैं
आज ये आवाज़ दबाके एक, आख़िरी साँस से श्राप लगे
था मैं दस का जब वाक़िफ़ ना था इस चीज़ से
तुम्हारी औक़ात के बाहर, बताए तुमको क़रीब के
ज़ाहिर सी बात है कायर ये, माहिर सिर्फ़ बातें खींचने
गवाह है खुदा ये चीज़ से, दुखाए दिखाके नीच ये
काश मैं नहीं सोचता, बोलते क्या आके लोग ये चार
और है याद अब अरसो से हर मोड़ पे आ मिले धोखेबाज़
अब होके शांत, रोक के साँस अपने जोड़े हाथ
माँगी खुदा से माफ़ी, हूँ साफ़ दिल, सब बोले खोके जान
[Chorus]
दर्द मेरी रूह में, क्यूँ अक्सर हर जगह ढूँढे हम—
—मोक्ष जब मौत हुए हावी, ना डर, ना खौफ, ना ज़रा भी
हूँ इसके बाद मैं शून्य, है इल्तिजा रहूँ महफूज़ मैं
है कातिल ये कलम, स्याही ये भरी आँसू से खून के
दर्द मेरी रूह में, क्यूँ अक्सर हर जगह ढूँढे हम—
—मोक्ष जब मौत हुए हावी, ना डर, ना खौफ, ना ज़रा भी
हूँ इसके बाद मैं शून्य, है इल्तिजा रहूँ महफूज़ मैं
है कातिल ये कलम, स्याही ये भरी आँसू से खून के
[Outro]
दर्द मेरी रूह में, क्यूँ अक्सर हर जगह ढूँढे हम—
—मोक्ष जब मौत हुए हावी, ना डर, ना खौफ, ना ज़रा भी
हूँ इसके बाद मैं शून्य, है इल्तिजा रहूँ महफूज़ मैं
है कातिल ये कलम, स्याही ये भरी आँसू से खून के