Khuda Bhi Aasman Se lyrics

by

Mohammed Rafi



खुदा भी आसमाँ से जब ज़मीं पर देखता होगा
खुदा भी आसमाँ से जब ज़मीं पर देखता होगा
"मेरे महबूब को किसने बनाया?" सोचता होगा
खुदा भी आसमाँ से जब ज़मीं पर देखता होगा
"मेरे महबूब को किसने बनाया?" सोचता होगा
खुदा भी आसमाँ से

मुसव्विर खुद परेशाँ है, कि ये तस्वीर किसकी है?
बनोगी जिसकी तुम, ऐसी हसीं तक़दीर किसकी है?
कभी वो जल रहा होगा, कभी खुश हो रहा होगा

खुदा भी आसमाँ से जब ज़मीं पर देखता होगा
"मेरे महबूब को किसने बनाया?" सोचता होगा
खुदा भी आसमाँ से

ज़माने भर की मस्ती को निगाहों में समेटा है
कली से जिस्म को कितनी बहारों में लपेटा है
हुआ तुम सा कोई पहले, ना कोई दूसरा होगा

खुदा भी आसमाँ से जब ज़मीं पर देखता होगा
"मेरे महबूब को किसने बनाया?" सोचता होगा
खुदा भी आसमाँ से

फ़रिश्ते भी यहाँ रातों को आकर घूमते होंगे
जहाँ रखती हो तुम पाँव, जगह वो चूमते होंगे
किसी के दिल पे क्या गुज़री, ये वो ही जानता होगा
खुदा भी आसमाँ से जब ज़मीं पर देखता होगा
"मेरे महबूब को किसने बनाया?" सोचता होगा
खुदा भी आसमाँ से
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