Main Yeh Sochkar Uske Dar Se Utha lyrics
by Mohammed Rafi
मैं ये सोचकर उसके दर से उठा था
कि वो रोक लेगी, मना लेगी मुझको
हवाओं में लहराता आता था दामन
कि दामन पकड़ कर बिठा लेगी मुझको
क़दम ऐसे अंदाज़ से उठ रहे थे
कि आवाज़ देकर बुला लेगी मुझको
मगर उसने रोका ना उसने मनाया
ना दामन ही पकड़ा, ना मुझको बिठाया
ना आवाज़ ही दी, ना वापस बुलाया
मैं आहिस्ता-आहिस्ता बढ़ता ही आया
यहाँ तक कि उससे जुदा हो गया मैं
यहाँ तक कि उससे जुदा हो गया मैं
जुदा हो गया मैं, जुदा हो गया मैं
जुदा हो गया मैं, जुदा हो गया मैं