Dukhi Man Mere lyrics
by Jagjit Singh
दुखी मन मेरे, सुन मेरा कहना
जहाँ नहीं चैनाँ, वहाँ नहीं रहना
दुखी मन मेरे, सुन मेरा कहना
जहाँ नहीं चैनाँ, वहाँ नहीं रहना
दुखी मन मेरे
दर्द हमारा कोई ना जाने
अपनी गरज़ के सब हैं दीवाने
दर्द हमारा कोई ना जाने
अपनी गरज़ के सब हैं दीवाने
किसके आगे रोना रोएँ?
देस पराया, लोग बेगाने
दुखी मन मेरा, सुन मेरा कहना
जहाँ नहीं चैनाँ, वहाँ नहीं रहना
लाख यहाँ झोली फैला ले
कुछ नहीं देंगे ये जग वाले
लाख यहाँ झोली फैला ले
कुछ नहीं देंगे ये जग वाले
पत्थर के दिल मोम ना होंगे
चाहे जितना नीर बहा ले
दुखी मन मेरा, सुन मेरा कहना
जहाँ नहीं चैनाँ, वहाँ नहीं रहना
दुखी मन मेरे, सुन मेरा कहना
जहाँ नहीं चैनाँ, वहाँ नहीं रहना
दुखी मन मेरे