Bin Tere lyrics

by

Shafqat Amanat Ali


है क्या ये जो तेरे मेरे दरमियाँ है
अनदेखी अनसुनी कोई दास्ताँ है
है क्या ये जो तेरे मेरे दरमियाँ है
अनदेखी अनसुनी कोई दास्ताँ है
लगने लगी, अब ज़िन्दगी खाली
लगने लगी हर साँस भी खाली

बिन तेरे, बिन तेरे, बिन तेरे
कोई खलिश है हवाओं में बिन तेरे
बिन तेरे, बिन तेरे, बिन तेरे
कोई खलिश है हवाओं में बिन तेरे

अजनबी से हुये हैं क्यों पल सारे
कि नज़र से नज़र ये मिलाते ही नहीं
इक घनी तनहाई छा रही है
मंज़िलें रास्तों में ही गुम होने लगी
हो गई अनसुनी हर दुआ अब मेरी
रह गई अनकही बिन तेरे

बिन तेरे, बिन तेरे, बिन तेरे
कोई खलिश है हवाओं में बिन तेरे
बिन तेरे, बिन तेरे, बिन तेरे
कोई खलिश है हवाओं में बिन तेरे

बिन तेरे, बिन तेरे, बिन तेरे
कोई खलिश है हवाओं में बिन तेरे
बिन तेरे, बिन तेरे, बिन तेरे
कोई खलिश है हवाओं में बिन तेरे
कोई खलिश है हवाओं में बिन तेरे
कोई खलिश है हवाओं में बिन तेरे
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