Womaniya by Palak Muchhal lyrics
by Sunidhi Chauhan
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर
जय कपीस तिहु लोक उजागर
देखेगी ये दुनिया ये
वूमनिया
हा जब भी ये निकल जाये
सुरज भी पिघल जाये
आसमान को नीचे दे झुका
अपने पे आये अगर
पत्थर तीथर बिथर
किसी का भी तोडे ये गुमान
धुंकी धुवांदार हो
जिद अगर सवार हो
तेरे जैसी ताकत देखो
यहा किसी और मै कहा
लिख दे नयी कहाणी
अब तू तेरी जुबानी
भूल के बाते पुराणी
की कैसे किसी ने कब था क्या कहा
रोके गाव जवानी
पर तेरी जिद करारी
तुटी चार दिवारी
तो चल पडी है इक नयी हवा
सदाबहार है तू
सबसे चमकदार है
तेरी रोशनी मै लग रहा है
अब जवान जवान जहा
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर
जय कपीस तिहु लोक उजागर
देखेगी ये दुनिया ये
वूमनिया