Dankila lyrics
by Shankar Ehsaan Loy
ए, डंकिला गाके डंकिला गाके
उड़ गई ओ ततैया
ऐसा ना सारे मन में बसारे
झूमूँ मैं ता थैया
डंकिला गाके...
क्या होगा, इस चोट का
अरे ढूंढो, कोई टोटका
अरे फूंको, कोई मंतर वंतर
जादू टोना रे
ज़हरीली, सी कसक है
चसकीली, सी चसक है
मन भूला, सब धीमे धीमे
सोना बोना रे
डंकिला डंकिला डंकिला ताथैया
विषैला रे
डंकिला डंकिला डंकिला...
जाए, प्रेम की गली में जो भी जाए
सुध बुध खोए डगमगाए डगमगाए
वो लौटे ना घर को आए रे
अरे पी ले, जो भी पी ले प्रेम विष का प्याला
डोले डोले वो बने निराला
वो झूले हो जैसे की मोती माला रे
है प्रेम के इस डंक की तो शान अजब रे
जिसको भी लगे उसकी तो है तान गजब रे
ओ डसने दे डसने दे आने दे ततैया
डंकिला डंकिला डंकिला...
डंकिला गाके डंकिला गाके...