Sapna Hai Sach Hai lyrics

by

Ajay-Atul



सपना है, सच है, कि जादू है या जाने क्या है
बहता समय एक पल को यहीं थम गया है

लगता है, था लिखा, तू है मेरे लिए
और मुझे भी तेरा होना ही था

कितने दिन था ये मंतर सा
जीना हर पल था दूभर सा
कल जीवन था सूना-सूना
सुख का बादल अब है बरसा

जैसे पंछी अंबर पाए
जैसे नदिया सागर पाए
ऐसे मैने तुमको पाया
जैसे राधा गिरधर पाए

लगता है, था लिखा, तू है मेरे लिए
और मुझे भी तेरा होना ही था

जागी आशा कब की सोई
तुम हो मैं हूँ, और ना कोई
दूर कहीं पर अपना हो घर, सोचूँ मैं ये खोई-खोई

कहने को जो मेरा मन है
अब वो तेरा सिंघासन
तेरा पहरा इन साँसों पर
तेरी जोगन ये धड़कन है
लगता है, था लिखा, तू है मेरे लिए
और मुझे भी तेरा होना ही था
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