Junoon lyrics
by Javed Ali
मेरी नज़र पे जुनूँ सा
मेरी रगों में लहू सा
बहता है देश मेरा
तेरे लिए जो मर जाए
हम क्या है देश मेरा
कुछ भी ना मैंने किया है
तेरा ही तुझको दिया है
कैसा वो मज़हब जिसमें गिले हैं
नाम पे जिसके ज़ख़्म मिले हैं
मेरी नज़र पे जुनूँ सा
वो है रब वो है नबी वो राम है
उसके नाम पे फिर कैसी ये जंग है
क़ौम के सब रंग साथ तिरंगे पे मेरे
कैसे जुदा फिर दो क़ौमों के रंग हैं
जो बीत गयी वो बात गयी
ये दौर नया है नया है जहाँ
अब मज़हब की दीवार ना हो
नफ़रत का रहे ना कोई निशाँ
हम ही से बनता वतन है
हम से है और हम ही में
रहता है देश मेरा
कुछ भी ना मैंने किया है