Zulf Ghata lyrics

by

Pankaj Udhas



[Intro]
ज़ुल्फ़ घटा बन कर लहराए, आँख कँवल हो जाए
ज़ुल्फ़ घटा बन कर लहराए, आँख कँवल हो जाए
शायर तुम को पल-भर सोचे और ग़ज़ल हो जाए
और ग़ज़ल हो जाए
ज़ुल्फ़ घटा बन कर लहराए, आँख कँवल हो जाए

[Verse 1]
जिस दीपक को हाथ लगा दो, जले हज़ारों साल
जिस दीपक को हाथ लगा दो, जले हज़ारों साल
जले हज़ारों साल

[Chorus]
जिस कुटिया में रात बिता दो, ताज-महल हो जाए
जिस कुटिया में रात बिता दो, ताज-महल हो जाए
शायर तुम को पल-भर सोचे और ग़ज़ल हो जाए
ज़ुल्फ़ घटा बन कर लहराए, आँख कँवल हो जाए

[Verse 2]
कितनी यादें आ जाती हैं दस्तक दिए बग़ैर
कितनी यादें आ जाती हैं दस्तक दिए बग़ैर
दस्तक दिए बग़ैर

[Chorus]
अब इतना भी सूनापन क्या, घर जंगल हो जाए
अब इतना भी सूनापन क्या, घर जंगल हो जाए
शायर तुम को पल-भर सोचे और ग़ज़ल हो जाए
ज़ुल्फ़ घटा बन कर लहराए, आँख कँवल हो जाए
[Verse 3]
तू आए तो पंख लगा कर उड़ जाती है शाम
तू आए तो पंख लगा कर उड़ जाती है शाम
उड़ जाती है शाम

[Chorus]
मीलों लंबी रात सिमट कर पल-दो-पल हो जाए
मीलों लंबी रात सिमट कर पल-दो-पल हो जाए
शायर तुम को पल-भर सोचे और ग़ज़ल हो जाए
ज़ुल्फ़ घटा बन कर लहराए, आँख कँवल हो जाए
ज़ुल्फ़ घटा बन कर लहराए, आँख कँवल हो जाए
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