Gehra Halka lyrics

by

Neha Kakkar


गहरा हल्का जुनूँ सा है इन दिनों
रग रग में तू लहू सा है इन दिनों
आँसू मुसाफ़िर हुवे हैं तेरे लिए
आँखों में हाज़िर हुवे हैं तेरे लिए
मेरा रोना, मेरा हँसना
मेरा जीना, मेरा मरना
मेरा होना तेरे लिए
मेरा रुकना, मेरा चलना
मेरा बुझना, मेरा जलना
मेरा होना तेरे लिए
गहरा हल्का जुनूँ सा है इन दिनों
रग रग में तू लहू सा है इन दिनों

कभी आके सिरहाने मेरे
थोड़े से सपने जला दे
कई जन्मों से जागता हूँ
दो चार पल तू सुला दे
मेरा रोना, मेरा हँसना...

मेरे सजदे ये कह रहे हैं
मिलता है सबकुछ दुआ से
तू माँगे से ना मिला तो
मैं छीन लूँगा ख़ुदा सा
गहरा हल्का जुनूँ सा...
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