Chand Ka Tukda lyrics

by

Tony Kakkar


[Chorus]
दुनिया कहती तुमको चाँद का टुकड़ा
दुनिया कहती तुमको चाँद का टुकड़ा
नासमझ है वो उन्हें पता नहीं
नासमझ है वो उन्हें पता नहीं
के चाँद तुम्हारा है टुकड़ा
दुनिया कहती तुमको चाँद का टुकड़ा
ना समझ है वो उन्हें पता नहीं
ना समझ है वो उन्हें पता नहीं
के चाँद तुम्हारा है टुकड़ा
दुनिया कहती तुमको चाँद का टुकड़ा

[Verse 1]
घर से ना निकलो तुम कभी भी शाम को
भूल जाएँगे लोग देखना चाँद को
बिना शृंगार कितना चेहरे पे नूर है
महख़ानों में भी नहीं वो नैनो में सुरूर है
नैनो में सुरूर है
नहीं देखना ताज महल अब
देख लिया तेरा मुखड़ा

[Chorus]
ना समझ है वो उन्हें पता नहीं
ना समझ है वो उन्हें पता नहीं
के चाँद तुम्हारा है टुकड़ा
दुनिया कहती तुमको चाँद का टुकड़ा

[Verse 2]
सूरज की लाली तेरी होंठों पे रहती है
नदियाँ दीवानी तेरे अश्कों से बहती है
संगमरमर सा बदन खुदा ने तराशा है
तुझे क्या पता तेरा समंदर भी प्यासा है
समंदर भी प्यासा है

[Chorus]
शृंगार की नहीं ज़रूरत कितना सुंदर मुखड़ा
ना समझ है वो उन्हें पता नहीं
ना समझ है वो उन्हें पता नहीं
के चाँद तुम्हारा है टुकड़ा
दुनिया कहती तुमको चाँद का टुकड़ा
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